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हर हाल मुक्लम उनसे

हर हाल मुक्लम उनसे 
हर ख्वाब मुक्लम उनसे 
हर फतेह मुक्लम उनसे 
हर शिकस्त मुकम्मल उनसे 
वो पनाह दे या न दे 
हर चौखट मुक्लम उनसे

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निशान किसी का और लिए फिरते है  निशान किसी का और लिए फिरते है जनाब मोहब्बत में मेरे सनम  मोहब्बत में मेरे सनम मेरे मरने का इंतजाम किए फिरते है